टकराव, वार्ता और अब समझौता... गलवान से शुरू हुआ तनाव क्या कजान में होगा खत्म? मोदी-जिनपिंग की संभावित मुलाकात पर नजर

4 1 8
Read Time5 Minute, 17 Second

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिनों के दौरे पर रवाना हो गए हैं. वह कजान में 16वें ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे. इस समिट में पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक साथ एक ही मंच पर देखा जा सकेगा. भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या टकराव और वार्ताओं के दौर के बीच गलवान से शुरू हुआतनावब्रिक्स के मंच से सुलह के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है.

ब्रिक्स समिट में एक तरफ जहां पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता होगी. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पीएम मोदी की मुलाकात पर सभी की नजरें रहेंगी. हालांकि, पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

क्या नया सीमा समझौताभारत और चीन के रिश्तों की नई शुरुआत होगा?

लेकिन भारत और चीन के रिश्तों में लंबे समय से देखी जा रही तल्खी में सोमवार को उस समय नरमी देखने को मिली, जब दोनों देशों के बीच विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स को लेकर एग्रीमेंट हुआ. इस समझौते के मुताबिक भारतीय सेना यहां फिर से पेट्रोलिंग शुरू कर सकेगी.

शी जिनपिंग ब्रिक्स छोटी से लेकर कई बड़ी बैठकों में हिस्सा लेंगे. इनमें ब्रिक्स प्लस डायलॉग भी शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एशिया की दो महाशक्तियों के प्रमुखों के बीच ब्रिक्स में द्विपक्षीय वार्ता होने की उम्मीद है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सबसे बड़ी समस्या थी लेकिन सोमवार के फैसले से यह भी समाप्त होती दिख रही है. यह बैठक रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने जैसी होगी.

Advertisement

एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है. इस वजह से इन संबंधों के दुरुस्त होने में समय लगेगा लेकिन यह एग्रीमेंट दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत जैसा होगा.

ब्रिक्स में जब एक मंच पर होंगे मोदी और शी जिनपिंग?

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग का कहना है किचीन अन्य पक्षों के साथ मिलकर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के सतत विकास के लिए प्रयास करने को तैयार है, ताकि ग्लोबल साउथ के लिए एकजुटता जुटाने के साथ-साथ एक नये युग की शुरुआत की जा सके.

भारत और चीन दोनों के लिए ही ब्रिक्स के खास मायने हैं. ऐसे समय में जब मोदी और जिनपिंग एक ही दिन एक साथ एक ही छत के नीचे होंगे तो रिश्तों पर जमी यह बर्फ पिघलेगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि गलवान में शुरू हुआ तनाव रूस के कजान में खत्म हो सकता है.

क्या हुआ था गलवान में?

साल 2020 में 15-16 जून की रात भारतीय और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में एलएसी पर हिंसक झड़प हुई थी. भारत की तरफ से इस झड़प में एक कमांडर समेत 20 सैनिक शहीद हुए थे.हालांकि, चीन के कितने सैनिक मारे गए थे,इसे लेकर चीन ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी थी. भारत की तरफ से दावा किया गया कि इस झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं. बाद में चीन ने कहा कि उसके 4 सैनिक गलवान में मारे गए थे. चार दशक में पहली बार दोनों देश इस तरह से आमने सामने आए थे.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

22 अक्टूबर 2024, आज का राशिफल (Aaj ka Rashifal): सिंह राशि वाले लेनदेन में रहें सावधान, जानें अन्य राशियों का हाल

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now