IAS संजीव हंस- नीतीश के करीबी, गुलाब यादव के बिजनेस पार्टनर, ED ने ढूंढ निकाला 95 करोड़ का रिसॉर्ट, 10 करोड़ का फ्लैट

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प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. संजीव हंस के करीबी और बिजनेस पार्टनर आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है. संजीव हंस को शुक्रवार की देर शाम पटना से गिरफ्तार किया गया जबकि गुलाब यादव की गिरफ्तारी दिल्ली के पास से बताई जा रही है.

इन दोनों की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत हुई है. संजीव हंस और गुलाब यादव के ऊपर आय से अधिक संपत्ति और अपने पद के दुरुपयोग का आरोप है. संजीव हंस के पटना स्थित सरकारी आवास पर शुक्रवार को पूरे दिन ईडी की टीम मौजूद रही और आखिरकार देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उधर गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया गया है.

नीतीश के पंसदीदा अफसर रहे हैं हंस
संजीव हंस को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पसंदीदा आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है और उन्हें नीतीश सरकार में लंबे वक्त से महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिलती रही है. हंस को बिजली कंपनी की पूरी कमान लंबे अरसे तक मिली रही. संजीव हंस बिहार कैडर के ऐसे पहले आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है.

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यह भी पढ़ें: पटना: IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED का एक्शन

शुक्रवार की देर शाम गिरफ्तारी के बाद ईडी ने संजीव हंस को विशेष कोर्ट में पेश किया. जहां से 29 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. लगभग रात साढ़े 12 बजे उन्हें बेऊर जेल भेजा गया जबकि पूर्व विधायक गुलाब को ईडी आज शनिवार को दिल्ली से पटना लेकर आएगी. शुक्रवार दोपहर से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी ईडी संजीव हंस को गिरफ्तार कर सकती है. उनके पटना स्थित सरकारी आवास के अलावा एक अन्य ठिकाने पर छापेमारी चल रही थी. वहीं दिल्ली के तीन ठिकानों पर भी ईडी की टीम ने शुक्रवार को पूरे दिन छापेमारी की.

मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हुआ एक्शन
आपको बता दें कि ईडी की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया हुआ है. विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर ईडी ने कुछ दिन पहले ही आईएएस संजीव हंस व पूर्व विधायक गुलाब यादव, संजीव हंस की पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

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भ्रष्टाचार से जुटाई करोड़ों की अकूत दौलत
आइए आपको बताते हैं कि आखिर ईडी ने अपनी जांच के बाद आईएएस और पूर्व विधायक को क्यों गिरफ्तार किया. दरअसल शुरुआती जांच में ईडी को संजीव हंस और गुलाब यादव के पास अकूत संपत्ति की जानकारी मिली थी. उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए जिसमें करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति के साथ साथ हवाला के जरिए बड़ी रकम के लेन-देन और संपत्तियों का बेनामी निवेश की जानकारी मिली. इन दोनों के ठिकानों पर छापेमारी में ईडी को इतने सबूत मिले कि संजीव हंस और गुलाब यादव को गिरफ्तार किया जा सके.

संजीव हंस पर हवाला के जरिए एक महिला वकील को 2.44 करोड़ रुपए देने का आरोप है. महिला वकील को चल और अचल संपत्ति एक्स आर्मी मेन प्रोटेक्शन सर्विस से जुड़े राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े एक नेता सुनील कुमार सिन्हा ने दी. इतना ही नहीं संजीव हंस ने महिला वकील को लखनऊ में 90 लाख रुपये का फ्लैट भी दिलवाया. ये वही महिला वकील है जिसने संजीव हंस के ऊपर पूर्व में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. संजीव हंस और गुलाब यादव बिजनेस पार्टनर भी पाए गए. इन दोनों की पत्नियोंके नाम पुणे में सीएनजी पंप भी है.

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संजीव हंस की पत्नी हरलोविलिन कौर उर्फ मोना हंस और गुलाब की पत्नी अंबिका यादव ज्वाइंट वेंचर के तहत पुणे में एक सीएनजी पेट्रोल पंप चला रही हैं. पंप की जमीन अंबिका के नाम है. इस सीएनजी पंप को साल 2015 में 1.80 करोड़ में खरीदा गया था. संजीव हंस और गुलाब यादव का अन्य साझा कारोबार भी है. ईडी को मिली जानकारी के मुताबिक संजीव हंस का परिवार दिल्ली में एक फ्लैट में रहता है, जो बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के ठेकेदार प्रवीण चौधरी का है. संजीव हंस इस साल अगस्त महीने तक ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहे थे. दिल्ली वाले फ्लैट की कीमत 9.60 करोड़ बताई जा रही है.

हिमाचल में 95 करोड़ का रिसॉर्ट
इस फ्लैट को लेकर भी संजीव हंस ईडी की रडार पर थे. इतना ही नहीं संजीव हंस के बारे में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हिमाचल प्रदेश में उन्होंने 95 करोड़ रु. का निवेश रिसॉर्ट में कर रखा है. हिमाचल प्रदेश के कसौली में ग्लेनव्यू रिसॉर्ट में उनका करोड़ों का निवेश है. संजीव हंस के पिता लक्ष्मण दास हंस और करीबी रिश्तेदार गुर सरताज सिंह के नाम से इस रिसॉर्ट में विला भी है. उनके पिता के विला की कीमत 1 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है.

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कुल मिलाकर संजीव हंस की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ गई हैं क्योंकि इस मामले में ईडी ने 13 लोगों को नामजद किया है. इन 13 आरोपियों में संजीव हंस और गुलाब यादव के अलावे दोनों की पत्नियां मोना हंस और अंबिका यादव, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता सुनील कुमार सिन्हा, महिला वकील, प्रवीण चौधरी, तरुण राघव, गुर बालतेज, लक्ष्मण दास हंस, सुरेश सिंघल, कमला कांत गुप्ता और देवेंद्र सिंह नामजद हैं

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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