सलमान के घर फायरिंग और सिद्धू मूसेवाला, सुखदेव गोगामेड़ी और बाबा सिद्दीकी का मर्डर... लॉरेंस गैंग की पूरी क्राइम कुंडली

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गुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई फिर चर्चा में है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और सत्तारूढ़ एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. लॉरेंस गैंग के सदस्य शुभम लोणकर ने सोशल मीडिया पर कथित पोस्ट लिखा है. हालांकि, मुंबई पुलिस इस वायरल पोस्ट की सत्यता की जांच कर रही है. पुलिस ने शुभम के भाई प्रवीण को अरेस्ट किया है और उसे सह-षड्यंत्रकारी बताया है.

इससे पहले अप्रैल में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग हुई थी. इसमें भी लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया था. गैंग से जुड़े सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी. इसी गैंग ने मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्दू मूसेवाला और दिसंबर 2023 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की भी गोली मारकर हत्या की थी. इसके अलावा अन्य वारदातों में भी बिश्नोई गैंग का हाथ होने के दावे सामने आते रहे हैं. आइए जानते हैं लॉरेंस गैंग की पूरी क्राइम कुंडली...

बाबा सिद्दीकी की हत्या कैसे हुई?

घटना दशहरा (12 अगस्त) की है. NCP नेता बाबा सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा में अपने दफ्तर में बैठे थे. बाहर लोग पटाखे फोड़ रहे थे. रात करीब 9 बजे पटाखों के शोर के बीच बाबा सिद्दीकी पर हमला किया गया. मुंह पर रूमाल बांधकर आए तीन लोग अचानक गाड़ी से उतरे और ताबड़तोड़ 6 राउंड फायरिंग की. इसमें से तीन गोली बाबा सिद्दीकी को लगी. गोली लगते ही बाबा सिद्दीकी जमीन पर गिर गए. उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. तीसरे की तलाश में छापेमारी की जा रही है. सूत्रों की मानें तो ऐसे लिंक पाए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि शूटर्स, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हैं. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया. बाद में उसे डिलीट कर दिया गया. इस पोस्ट में लॉरेंस गैंग द्वारा हत्या की जिम्मेदारी लेने की बात कही गई थी. इस हत्याकांड की वजह अभिनेता सलमान खान को बताया गया था.

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सलमान के घर फायरिंग में निकला था लॉरेंस गैंग का हाथ?

मामला अप्रैल 2024 का है. बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर फायरिंग हुई थी. इस घटना की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी. लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों ने सलमान खान को पहले भी धमकी दी थी. इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से धमकी भरा पत्र मिला था. 2022 और 2023 में सलमान और उनके परिवार को कई धमकी भरे पत्र और संदेश मिले हैं, जिसके बाद से सलमान को मुंबई पुलिस द्वारा सभी हथियार और सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं. सलमान को एक व्यक्तिगत हथियार लाइसेंस भी दिया गया है, ताकि वो अपनी सुरक्षा कर सकें. उनके घर के आसपास भी तीन शिफ्टों में 24 घंटे पुलिस की कड़ी सुरक्षा रहती है. सलमान खान को जो धमकी भरा पत्र मिला था, जिसमें लिखा था कि उनका हश्र भी सिद्धू मूसेवाला जैसा होगा.

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लॉरेंस बिश्नोई ने पहले ही यह सार्वजनिक रूप से कहा था कि वो सलमान को मारने का मौका ढूंढ रहा है, क्योंकि उन्होंने कथित काले हिरण का शिकार किया था. मुंबई पुलिस और अन्य एजेंसियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों पर नजर रख रही हैं. लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक अन्य प्रमुख सदस्य गोल्डी बराड़ भी सलमान खान के खिलाफ धमकियों और फायरिंग की योजना में शामिल पाया गया. गोल्डी बरार कनाडा में रहता है और वहां से गैंग की गतिविधियों का संचालन करता है. वो बिश्नोई गैंग के कई अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को संभालता है.

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सलमान का दुश्मन क्यों बना गैंगस्टर लॉरेंस?

गैंगस्टर लॉरेंस, बिश्नोई समाज से है. यह समाज जानवरों को खासतौर पर हिरण को भगवान समान मानता है. वे काले हिरण की पूजा करते हैं. ऐसे में जब सलमान खान का नाम काला हिरण शिकार केस में आया था तो लॉरेंस ने सलमान को मारने की धमकी दी थी और तभी से लॉरेंस, सलमान के लिए खतरा बना हुआ है.

29 मई 2022 में मूसेवाला की हुई थी हत्या

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम प्रमुखता से सामने आया था और बिश्नोई गैंग के सदस्य गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी. लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी गोल्डी बराड़ ने कहा था कि उन्होंने विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला का मर्डर किया है.

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29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले में सिद्धू को कई गोलियां मारी गईं और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. इस हमले के बाद गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली. मिद्दुखेड़ा, बिश्नोई गैंग से जुड़ा था. उसकी हत्या 2021 में हुई थी. बिश्नोई गैंग का मानना था कि मूसेवाला की टीम ने मिद्दुखेड़ा की हत्या में शामिल लोगों की मदद की थी और इसी कारण वे मूसेवाला को निशाना बना रहे थे. गोल्डी बराड़ ने कहा था कि उसने लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर इस हत्या को अंजाम दिया.

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सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या क्यों हुई?

घटना 5 दिसंबर 2023 की है. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जयपुर के श्याम नगर इलाके में स्थित अपने घर में बैठे थे. उनसे मुलाकात के बहाने आए हमलावरों ने गोगामेड़ी पर हमला कर दिया और गोलीबारी में उनकी मौत हो गई. गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली. बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि उसने ही हत्या करवाई है, क्योंकि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी उसके गैंग के दुश्मनों का साथ दे रहे थे. इस हत्याकांड में उसके गैंग के गोल्डी बराड़ ने भी अहम भूमिका निभाई. रोहित गोदारा ने अपने दुश्मनों के लिए चेतावनी भी जारी की थी. लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्पशूटर रहा रोहित गोदारा बीकानेर जिले के लूणकरणसर का रहने वाला है. साल 2010 से ही वो जरायम की दुनिया में सक्रिय है. छोटे-मोटे अपराध करने के बाद वो लॉरेंस के संपर्क में आया था.

क्या है लॉरेंस बिश्नोई गैंग की क्राइम कुंडली?

लॉरेंस बिश्नोई कुख्यात गैंगस्टर है. उसका गिरोह खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय है. इस गैंग की गतिविधियां विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, सुपारी किलिंग और अन्य संगठित अपराधों से जुड़ी हुई हैं. बिश्नोई गैंग व्यवसायियों, बिल्डरों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों से जबरन वसूली करने के लिए कुख्यात है. इस गैंग के सदस्यों ने बार-बार कई व्यवसायियों और सेलेब्रिटीज को धमकी दी है. गैंग का कई हत्या और हत्या के प्रयासों में नाम सामने आया है. बिश्नोई गैंग सुपारी लेकर हत्या करने में भी शामिल है. ये गैंग ड्रग्स तस्करी में भी सक्रिय है. पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में इस गैंग की मादक पदार्थों की तस्करी में बड़ी भूमिका है.

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गैंग अवैध हथियारों की तस्करी और आपूर्ति में भी शामिल है. ये लोग उच्च स्तरीय हथियारों का इस्तेमाल करते हैं और इन्हें कई अन्य गैंग्स को भी उपलब्ध कराते हैं. बिश्नोई गैंग का नेटवर्क विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है और उनके संपर्क जेल के अंदर से भी सक्रिय रहते हैं. इस गैंग के कई सदस्य जेल में रहते हुए भी अपने अपराधी नेटवर्क को संचालित करते हैं.

यह भी पढ़ें: 700 से ज्यादा शूटर्स, "700 से ज्यादा शूटर्स, कई देशों में नेटवर्क... लॉरेंस ने दाऊद की 'D कंपनी' की तरह खड़ा किया बिश्नोई गैंग

गैंग का नेटवर्क भारत से बाहर भी फैला हुआ है. विशेष रूप से कनाडा जैसे देशों में. यह गैंग अंतरराष्ट्रीय गैंग्स के साथ गठजोड़ करके अपनी गतिविधियों को विस्तार देता है. बिश्नोई गैंग के खिलाफ विभिन्न राज्यों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार अभियान चलाती रही हैं. उसके बावजूद गैंग की आपराधिक गतिविधियां थम नहीं रही हैं. बिश्नोई गैंग किसी वारदात को अंजाम देने के लालच में शूटर्स को भरोसा देता है कि काम हो जाने के बाद उसे विदेश भेज दिया जाएगा. इस लालच में नौजवान अक्सर वारदात को अंजाम देते आ रहे हैं.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कई मामलों में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की गैंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. ऐसे ही गैंगस्टर टेरर केस में एनआईए ने दिल्ली की अदालत में बिश्नोई गैंग के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिसमें कई बड़े खुलासे किए हैं. NIA ने चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना दाऊद इब्राहिम की 'डी कंपनी' से की है. केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका टेरर सिंडिकेट जबरदस्त तरीके से फैला है. ठीक वैसे ही जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने छोटे-मोटे अपराध करते हुए अपना नेटवर्क खड़ा किया था. दाऊद इब्राहिम ने ड्रग की तस्करी, टारगेट किलिंग, एक्सटोर्शन रैकेट के जरिए अपराध की दुनिया में कदम रखा था.

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फिर उसने D कंपनी बनाई और पाकिस्तानी आतंकियों से गठजोड़ करके अपना नेटवर्क कई देशों तक फैलाया. ठीक दाऊद इब्राहिम की तरह लॉरेंस बिश्नोई ने छोटे-मोटे अपराध से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपना गैंग खड़ा कर लिया. आज नॉर्थ इंडिया के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उसके गैंग का विस्तार हो चुका है. कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है.

एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं और 'जय बलकारी' उसकी गैंग का नारा है. इसमें 300 के करीब शूटर अकेले पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, X और यूट्यूब पर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो और वीडियो डालकर युवाओं को अपराध की ओर आकर्षित करने की कोशिश की गई. कोर्ट आते-जाते बिश्नोई का फोटो सोशल मीडिया में डाला गया और इस तरह गैंग का प्रचार-प्रसार हुआ.

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पंजाब-हरियाणा समेत पूरे उत्तर भारत में फैला है गैंग

एनआईए के मुताबिक बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपये एक्सटोर्शन से कमाए और वह पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया. कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था. लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड में फैल चुका है.

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विदेश में सेटल करने का लालच देकर करते हैं भर्ती

सोशल मीडिया और तमाम अलग-अलग तरीके से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक नौजवानों को कनाडा या उनके मनचाहे देश में शिफ्ट करवाने की लालच देकर बिश्नोई गैंग में रिक्रूट किया जाता है. पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर्स का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाले में करता है. एनआईए ने गैगस्टर टेरर केस में कुछ दिनों पहले UAPA के तहत अदालत में लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

बिश्नोई गैंग कैसे शुरू हुई?

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की शुरुआत राजस्थान से हुई और धीरे-धीरे यह उत्तर भारत के कई राज्यों में फैल गया. लॉरेंस बिश्नोई इस गैंग का मुख्य सरगना है. वो पंजाब के फाजिल्का जिले के दुतारंवाली गांव का रहने वाला है. बिश्नोई ने कॉलेज के दिनों में ही आपराधिक दुनिया में कदम रख लिया था और धीरे-धीरे कुख्यात गैंगस्टर बन गया.

लॉरेंस ने शुरुआत में चंडीगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे शैक्षिक संस्थानों में प्रभाव बनाना शुरू किया. छात्र राजनीति में रहते हुए उसने छोटे-मोटे अपराध और विवादों में खुद को शामिल किया. यहीं से उसका आपराधिक नेटवर्क विकसित होना शुरू हुआ और उसने अपने साथियों का एक ग्रुप बनाया. कॉलेज के समय से जुड़े उसके साथी और कई अन्य युवा अपराध की दुनिया में शामिल होते गए. धीरे-धीरे यह समूह एक संगठित गैंग में बदल गया.

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बिश्नोई और उसके गैंग ने पहले छोटे-छोटे अपराधों जैसे झगड़े, मारपीट, और धमकियों से शुरुआत की. जल्द ही इस गैंग ने जबरन वसूली, सुपारी किलिंग, हथियार तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी संगठित आपराधिक गतिविधियों में कदम रखा. इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई का नाम अपराध की दुनिया में तेजी से फैलने लगा.

बिश्नोई गैंग में गोल्डी बराड़, जग्गू भगवानपुरिया जैसे कई अन्य नाम शामिल हैं. ये सभी विभिन्न राज्यों में सक्रिय होकर गैंग की आपराधिक गतिविधियों का संचालन करते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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