Vinesh Phogat, Haryana Election 2024: भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने अपने करियर में ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसने चुनौतियों को भी उनके सामने नतमस्तक किया है. मगर पिछले कुछ सालों से उनके सामने ऐसी घनघोर समस्याएं सामने आई हैं, जिसने विनेश को और ज्यादा मजबूत किया है.
विनेश के सामने जो सबसे बड़ी 3 चुनौतियां रही हैं, उनमें सबसे पहला तो भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रहा है. इस दौरान विनेश, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने जोर लगाया था.
पेरिस ओलंपिक में नियमों से हारी थीं विनेश
इस मामले के बाद विनेश के सामने दूसरी बड़ी चुनौती पेरिस ओलंपिक 2024 रही है. यहां उन्होंने सेमीफाइनल जीतकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था. मगर एक नियम ने उनसे यह मेडल भी छीन लिया. इसके लिए विनेश ने एक बार फिर लड़ाई लड़ी. मगर यहां उन्हें हार ही झेलनी पड़ी.
अब तीसरी बड़ी चुनौती उनके सामने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में रही थी. मगर यहां विनेश ने धांसू अंदाज में जीत दर्ज की है. अब वो पहली बार विधानसभा पहुंचेंगी. मगर इन सबके बीच में पेरिस से जुलाना विधानसभा सीट तक दोनों में विनेश के लिए 8 तारीख का गजब संयोग रहा है.
साथ ही पेरिस में विनेश को वेट मशीन ने हराया था. मगर यहां हरियाणा चुनाव में विनेश को वोटिंग मशीन ने जिताया है. आइए संक्षिप्त रूप में जानते हैं विनेश के पेरिस ओलंपिक और हरियाणा चुनाव के मामले में मिली चुनौतियों के बारे में...
100 ग्राम ज्यादा वजन ने छीना मेडल
पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट 50 किलो वेट कैटेगरी इवेंट में उतरी थीं. उन्होंने 6 अगस्त को एक के बाद एक लगातार 3 मैच खेले और तीनों में जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई थी. विनेश ने इसी दिन सेमीफाइनल मुकाबला भी जीता था.
फाइनल में जगह बनाने के साथ ही विनेश ने सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था. यानी वो हारती तो उन्हें रजत अवश्य मिलता. यह फाइनल मुकाबला भारतीय समयानुसार 7 अगस्त की देर रात करीब 12.30 के बाद होना था. यानी टेक्निकली देखा जाए तो 8 तारीख को मैच होना था.
मगर मुकाबले से पहले 7 अगस्त की सुबह विनेश का वजन किया गया, जिसमें 50 किलो वेट कैटेगरी के हिसाब से उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया. इस कारण उन्हें अयोग्य करार दिया और बाहर कर दिया गया. विनेश को फाइनल में उतरने का मौका नहीं मिला और उनसे सिल्वर मेडल भी छिन गया. विनेश ने सेमीफाइनल में जिस पहलवान को हराया था, उसे फाइनल खेलने का मौका मिला.
विनेश फोगाट ने खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए. हालांकि CAS ने नियमों का हवाला देते हुए स्टार रेसलर विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी. इस तरह विनेश का मेडल जीतने का सपना टूट गया.
राजनीति में कदम रखा और जीत हासिल की
कुश्ती की कद्दावर पहलवान के तौर पर अपनी पहचान बना चुकीं विनेश फोगाट ने ओलंपिक के ठीक बाद राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा था. उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला लिया. मगर उनके ताऊ और कुश्ती के गुरु महावीर सिंह फोगाट को विनेश का यह फैसला पसंद नहीं आया.
इन सबके बावजूद विनेश राजनीतिक मैदान में उतरींऔर हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें जुलाना सीट से टिकट दिया गया. स्टार पहलवान विनेश के सामने इस जुलाना सीट से WWE रेसलर कविता रानी (कविता दलाल) आम आदमी के टिकट पर उतरी थीं. कविता की जमानत तक जब्त हो गई. विनेश जीत जरूर गई हैं, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस सरकार बनाने से काफी दूर रह गई.
हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित हुए हैं. जबकि पेरिस ओलंपिक में विनेश का फाइनल भी टेक्निकली तौर पर 8 अगस्त को ही होना था. इस तरह यह तारीख भी विनेश के साथ एक संयोग के रूप में जुड़ गई है.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.