ईरान-इजरायल से भारत खरीदता है ये चीजें... दोनों देशों संग बड़ा है कारोबार, जंग बढ़ी तो क्या होगा?

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ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुए संघर्ष (Iran-Israel Conflict) ने दुनियाभर में टेंशन बढ़ा दी है. पहले रूस-यूक्रेन और फिर इजरायल-हमास के बीच युद्ध के बाद अब इस जंग का असर तमाम देशों के शेयर बाजारों (Stock Market's) से लेकर कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price Hike) में बढ़ोतरी के रूप में दिखने लगा है. आशंका ये जताई जा रही है कि अगर दोनों देशों में तनाव और जंग लंबी चलती है, तो फिर ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है और इससे तमाम देश प्रभावित हो सकते हैं. भारत की अगर बात करें, तो दोनों ही देशों के साथ भारत का बड़ा व्यापार है और अगर आयात प्रभावित होता है, तो महंगाई (Inflation) बढ़ने का खतरा भी है. आइए जानते हैं ईरान और इजरायल से भारत क्या आता है और इन दोनों देशों को भारत क्या निर्यात करता है?

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई चिंता
मिडिल ईस्ट में तनाव ने दुनिया की चिंता बढ़ाने का काम किया है. ऐसा इसलिए भी यहां से कच्चे तेल (Crude Oil) का आयात दुनियाभर में होता है. खासतौर पर भारत पर नजर डालें, तो देश दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी 85 फीसदी से ज्यादा जरुरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का एक हिस्सा बड़ा ईरान से भी लेता है. हालांकि, ईरान से होने वाले क्रूड ऑयल के आयात में गिरावट जरूर देखने को मिली है, लेकिन फिर भी सप्लाई में व्यवधान पड़ा तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) पर प्रभाव देखने को मिल सकता है.

पुराने आंकड़ों पर नजर डालें, तो FY2014-15 के दौरान भारत-ईरान व्यापार (India-Iran Trade) 13.13 अरब डॉलर का था, जिसमें 8.95 अरब डॉलर का भारतीय आयात था और इसमें 4 अरब डॉलर से ज्यादा का तो कच्चे तेल का आयात किया गया था. लेकिन, FY2019-20 में ईरान के साथ भारत के व्यापार में तेज गिरावट देखने को मिली थी. मुख्य रूप से क्रूड ऑयल का आयात 2018-19 में 13.53 अरब डॉलर की तुलना में कम होकर महज 1.4 अरब डॉलर रह गया था.

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कच्चा तेल

रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और मिडिल ईस्ट में नंबर एक उत्पादक है. Iran में बीते साल 2023 में 2023 में 2.4 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल का हर दिन प्रोडक्शन हुआ था. तेल भंडार का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अपने उत्पादन का लगभग आधा कच्चा तेल ईरान दूसरे देशों को बेचता है और सबसे बड़ा खरीदार चीन (China) है. ईरान में तेल की 10 बड़ी रिफाइनरी हैं, जिनमें से सिर्फ तीन से प्रति दिन 3,70,000 बैरल तेल का उत्पादन होता है.

ईरान से Crude के अलावा इन सामानों का आयात
न केवल कच्चा तेल, बल्कि भारत ईरान से कई अन्य सामान भी आयात करता है और जंग के हालात में इन जरूरी सामानों के बिजनेस को लेकर भी चिंता बढ़ गई है. बता दें कि ईरान से कच्चे तेल के अलावा सूखे मेवे, केमिकल और कांच के बर्तन भारत आते हैं. वहीं भारत की ओर से ईरान पहुंचने वाले प्रमुख सामानों की बात करें, तो बासमती चावल का ईरान बड़ा आयातक है.

ईरान वित्त वर्ष 2014-15 से भारतीय बासमती चावल का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 में 998,879 मीट्रिक टन भारतीय चावल खरीदा था. बासमती चावल के अलावा भारत ईरान को चाय, कॉफी और चीनी का भी निर्यात करता है. आंकड़े देखें तो भारत हर साल ईरान को 4 करोड़ किलो चाय का निर्यात करता है. इसके अलावा कुल चावल निर्यात का 19% के आस-पास ईरान को निर्यात होता है, जो करीब 60 करोड़ डॉलर का होता है. हालिया तनाव से देश के चावल और चाय निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.

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Iran ने सप्लाई रोकी तो ये असर
ईरान और इजरायल में जंग बढ़ने की संभावना का असर भारत के आयात और इकोनॉमी (Indian Economy) पर भी दिखाई दे सकता है. Brent Crude का दाम 77.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है और अगर कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ता है तो फिर ये कीमतें और भी बढ़ सकती हैं. इससे 700 अरब डॉलर के हाई लेवल पर पहुंचे देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) पर भी प्रभाव देखने को मिल सकता है. बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के समय कच्चे तेल की कीमतें ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई थीं और इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के समय भी ये 100 डॉलर के पार पहुंची थीं.

इजरायली हथियार

इजरायल से सबसे ज्यादा हथियारों की खरीद
भारत का व्यापारिक भागीदार सिर्फ ईरान ही नहीं बल्कि इजरायल भी है. साल 2023 में भारत का इजरायल के साथ 89000 करोड़ रुपये का कारोबार रहा. भारत इजराइल को तराशे हुए हीरे, ज्वेलरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान सप्लाई करता है. वहीं इजरायल भारत को बड़ी मात्रा में सैन्य हथियार निर्यात करता है.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में दिए गएआंकड़ों को देखें, तो बीते 10 साल में भारत में इजरायल से रडार्स, सर्विलांस और लड़ाकू ड्रोन और मिसाइल्स समेत करीब 3 अरब डॉलर के सैन्य हार्डवेयर का आयात किया गया है. रूस, फ्रांस, अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हथियार इजरायल से भारत ही खरीदता है. हथियारों के अलावा भारत इजरायल से मोती, कीमती पत्थर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, उर्वरक, रासायनिक उत्पादों का भी आयात करता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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