560 किलो कोकीन, 5600 करोड़ कीमत... दिल्ली में पकड़ी गई ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप का असली सौदागर कौन?

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साल 2021 में सितंबर का महीना था, जब गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर नशे की इतनी बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जिसने देशभर की एजेंसियों के होश उड़ा दिए थे. वो नशे की खेप एक कंटेनर में ले जाई जा रही थी. जिसका वजन था 3000 किलोग्राम. जी हां, नशे की ये अब तक की सबसे बड़ी खेप थी. जिसका रहस्य अभी तक बरकरार है और एजेंसियां आज भी उस मामले की जांच कर रही हैं. अब ऐसी ही एक बड़ी नशे की खेप दिल्ली पुलिस के हाथ लगी है. जिसने पुलिस और संबंधित एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि ये दिल्ली में पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी नशे की खेप है.

तीन महीने से नजर रख रही थी पुलिस
दरअसल, दिल्ली पुलिस 3 महीने से इस मामले में कड़ी मशक्कत कर रही थी. कई इनपुट खंगाले जा रहे थे. कई लोगों की निगरानी हो रही थी. अब जाकर पुलिस की मेहनत रंग लाई और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया. दिल्ली में इस मॉड्यूल का सरगना है तुषार.

560 किलोग्राम कोकीन, 40 किलोग्राम मेरियाना बरामद
स्पेशल सेल के एडिशनल कमिश्नर प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक 560 किलोग्राम कोकीन की खेप के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने 40 किलोग्राम मेरियाना भी जब्त किया है. जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस मेरियाना को फुकेट से फ्लाइट के जरिये दिल्ली लाया गया था. प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, तीन महीने पहले केंद्रीय एजेंसियों के जरिए उनके पास जानकारी आई थी कि एक बड़ा मॉड्यूल ड्रग्स की तस्करी कर रहा है, जो पूरे देश में फैला हुआ है.

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महिपालपुर में बना रखा था गोदाम
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने इस मॉड्यूल के बारे में जानकारी जुटाना शुरू की तो पता लगा कि महिपालपुर के एक गोदाम में कोकीन की खेप छुपा कर रखी गई है. यह जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने मंगलवार की शाम को महिपालपुर में जाल बिछाया. जिसके चलते देर शाम दिल्ली पुलिस ने एक युवक को आईडेंटिफाई किया. उस पर नजर रखी जा रही थी. और फिर उसे उस वक्त रंगे हाथों पकड़ा, जब जब वह ड्रग्स की खेप रिसीव कर रहा था.

हिमांशु और औरंगजेब की गिरफ्तारी
इसके बाद पुलिस ने मौके से ही 15 किलोग्राम कोकीन के साथ हिमांशु और औरंगजेब नाम के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया, वे दोनों मुंबई के कुर्ला से आए एक शख्स भारत को कोकीन देने पहुंचे थे. वे भारत को कोकीन की सप्लाई करने आए थे. इसके बाद जब पुलिस ने हिमांशु और औरंगजेब से पूछताछ की तो पता लगा कि पास के ही एक गोदाम में कोकीन को कपड़ों के डिब्बे में छुपाकर रखा गया है.

कपड़ों के डिब्बों में छुपी थी कोकीन
पुलिस की टीम जब उस गोदाम में पहुंची तो दंग रह गई अंदर 23 अलग-अलग कपड़ों के बड़े-बड़े कॉर्टन रखे थे, जिनमें 560 किलोग्राम कोकीन रखी गई थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक एक किलो कोकीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 10 करोड़ रुपये है. ऐसे में 560 किलो कोकीन की कीमत 5600 करोड़ रुपये हो गई.

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ऐसे दिल्ली पहुंची कोकीन
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अब तक की जांच में पता लगा है कि अलग-अलग देशों से होते हुए यह कोकीन हिंदुस्तान पहुंची. फिर यह अलग-अलग प्रदेशों से होती हुई दिल्ली के महिपालपुर के गोदाम तक पहुंची. और फिर यहां से आगे एक सप्लाई चैन बनाई गई थी. उसी सप्लाई चैन का एक हिस्सा था मुंबई के कुर्ला का रहने वाला भारत, जो डेढ़ सौ करोड़ की 15 किलो कोकीन खरीदने दिल्ली आया था.

क्रिप्टो करेंसी में होती है पेमेंट
कोकीन की यह पूरी खरीद फ़रोख़्त पैसे से नहीं, बल्कि क्रिप्टो करेंसी के साथ की जाती थी. पता चला है कि अगले दो से तीन महीने में दिल्ली और मुम्बई में बड़े कॉन्सर्ट भी होने वाले हैं, अब पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है कि तस्करों की निगाह उन कॉन्सर्ट पर तो नहीं थी?

कौन है नशे का सरगनातुषार?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में इस मॉड्यूल को वसंत विहार का रहने वाला तुषार चलता था. तुषार के पिता का पहाड़गंज और दरियागंज में पब्लिकेशन का बड़ा कारोबार है. तुषार की उम्र करीब 40 साल है. वो पढ़ा लिखा है. उसे हाई एन्ड गाड़ियों का शौक है. तुषार का एक साथी हिमांशु इस पूरे काम का हिस्सेदार है और हमेशा साये की तरह तुषार के साथ रहता था. जबकि औरंगज़ेब माल ले जाने और लाने का काम करता था. जिस गोदाम से कोकीन की खेप मिली है. उस गोदाम का मालिक वसंत विहार का रहने वाला तुषार ही है. तुषार के पिता के दो-दो पब्लिकेशन हाउस हैं. तुषार लग्जरी लाइफ जीता है. उसके पास बेइंतहा पैसा है.

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कौन है असली बॉस?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, अभी एक हफ्ते के अंदर ही ये सारी कोकीन दिल्ली लाई गई थी, और जल्द ही सारे का सारा कोकीन दिल्ली से बाहर भेजा जाना था. फिलहाल, दिल्ली पुलिस को नार्को ट्रेलर का कोई एंगल तो नहीं मिला है. लेकिन पुलिस जांच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस पूरे रैकेट का सरगना कौन है? और कहां से बैठकर ये मॉड्यूल चलाया जा रहा था, इस बात की जांच भी जारी है. कुल मिलाकर पुलिस ने चार तस्करों को पकड़ा है, जिनसे पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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