लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आज बुधवार को चुनाव होना है. लोकसभा में सभी सदस्य इसको लेकर वोट करेंगे. दरअसल, अध्यक्ष पद को लेकर NDA और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के बीच आम सहमति नहीं बनने के बाद दोनों गठबंधनों ने अलग-अलग उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने फिर से सांसद ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया है. राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला और केरल के मवेलीकारा से 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश के बीच सीधा मुकाबला है.
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आज सुबह 11 बजे होगा. हालांकि, INDIA ब्लॉक के लिए यह आसान काम नहीं होगा क्योंकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए 271 वोटों की आवश्यकता होगी, जो 542 (वायनाड सीट खाली) का आधा है. जहां तक संख्या की बात है, एनडीए के पास लोकसभा में 293 सदस्य हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 233 हैं. इसके अलावा, सात सांसद ऐसे हैं जिन्हें अभी लोकसभा में शपथ लेनी है, जिनमें INDIA ब्लॉक के पांच सांसद शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, स्पीकर के चुनाव के बाद उन्हें शपथ दिलाई जाएगी. नतीजतन, ये सात सांसद लोकसभा अध्यक्ष चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगे.
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इसके अलावा, सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि वाईएसआरसीपी, जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है, ने स्पीकर के चुनाव में ओम बिरलाका समर्थन करने का फैसला किया है.
उपसभापति पद को लेकर नहीं बन सकी आम सहमति!
बता दें कि सरकार और विपक्ष के बीच शुरू में सहमति बनती दिखी. हालांकि, बताया जा रहा है कि विपक्ष को उपसभापति का पद देने के मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई प्रतिबद्धता नहीं जताए जाने के बाद बातचीत नहीं बन पाई. सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को पैरवी करने को आगे किया था.
राजनाथ सिंह के कार्यालय में हुई बैठक रही विफल
राजनाथ सिंह के कार्यालय में बैठक के दौरान, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने ओम बिरला को निर्विरोध फिर से निर्वाचित करने के बदले में विपक्ष को उपसभापति पद का तत्काल आश्वासन मांगा. हालांकि, यह स्वीकार्य नहीं था क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए कोई सशर्त समर्थन नहीं चाहता था. बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि उपसभापति पद पर चर्चा बाद में होगी और विपक्ष से परामर्श किया जाएगा. हालांकि, केसी वेणुगोपाल अड़े रहे और वार्ता विफल हो गई.
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ऐसे होता है लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव
गौरतलब है कि लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को सदन में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से चुना जाता है. साधारण बहुमत से मतलब ये है कि सदन में उस वक्त जितने सांसद मौजूद होंगे उनमें 50 फीसदी से ज्यादा वोट जिसे मिलेंगे वो लोकसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर चुन लिया जाता है. मौजूदा परिस्थिति में लोकसभा में 542 सांसद हैं. एक सीट वायनाड से राहुल गांधी इस्तीफा दे चुके हैं तो उसपर उपचुनाव बाकी है. ऐसे में 542 सीटों में से 293 सीटें एनडीए के पास हैं. वहीं 542 का आधा 271 होता है. इस तरह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास सदन में बहुमत है और उसे अपनी पसंद का अध्यक्ष चुनने में कोई कठिनाई नहीं होने की संभावना है.
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