India vs New Zealand Test Series: बेंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया ने पहली पारी में भद्द पिटवाई और पहली पारी में रोहित ब्रिगेड 46 रनोंपर सिमट गई,लेकिन भारतीय टीम ने टेस्ट इतिहास में कई बार ऐसा किया है जब वह दहाई के अंकों में सिमटी हो और उसके बाद जो वापसी की, वह रिकॉर्डबुक में दर्ज हो गई. यानी 'डबल डिजिट' में आउट होने के बाद भारतीय टीम ने अपना दम दिखाया है.
इतिहास के कुछ पन्ने हमने खंगाले तो एक खास बात सामने आई. यह खास बात यह है कि तीन बार भारत में ही हमारी टीम 82, 89, 88 जैसे स्कोर पर आउट हुई, सामने और कोई नहीं न्यूजीलैंड ही थी. लेकिन इन तीनों ही मौकों पर पहली पारी में'डबल डिजिट स्कोर' पर आउट होने के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम ने जो बाउंसबैक किया, वह आज भी उदाहरणहै. यही उदाहरणरोहित एंड कंपनी को बेंगलुरु में भी अपनाना होगा.
बेंगलुरु टेस्ट में न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में 402 रनों पर सिमट गई. जवाब में न्यूजीलैंड की टीम को पहली पारी में 356 रनों की भारी भरकम बढ़ मिली है.चूंकि यह हमेशा से माना जाता है कि अगर पहली पारी में कोई टीम 46 जैसे स्कोर पर आउट हो जाए तो वहां से उसकी टेस्ट मैच में वापसी नहीं हो सकती है.
लेकिन भारतीय टीम का इतिहास में न्यूजीलैंड संग उन मैचों में शानदार रिकॉर्ड रहा है, जब वह टेस्ट मैचों में दहाई पर सिमट गई हो. 1965, 1969, 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में भारतीय टीम के साथ ऐसा हुआ था. जब भारतीय टीम महज दहाई के अंकों में सिमट गई थी. उसके बाद ये मैच ड्रॉ किए थे.
ऐसे में हिटमैन एंड कंपनी को ये 3 टेस्ट मैच याद रखना चाहिए जहां दहाई के अंकों में सिमटकर टीम इंडिया ने टेस्ट मैच बचाए थे. और न्यूजीलैंड की बत्ती गुल हुई थी.
1999: भारत बनाम न्यूजीलैंड मोहाली टेस्ट में भारत ने बनाए थे 82 रन
10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 1999 को मोहाली में भारत और न्यूजीलैंड के बीच यह टेस्ट मैच खेला गया. जहां भारतीय टीम पहली पारी में महज 83 रनों पर सिमट गई. इसके बाद न्यूजीलैंड भी पहली पारी में 215 रनों पर ऑलआउट हो गई. फिर भारतीय टीम ने दूसरी पारी में राहुल द्रविड़ (144) और सचिन तेंदुलकर (126) के शतकों की बदौलत 505/3 बनाकर अपनी पारी घोषित की. इसके बाद न्यूजीलैंड टीम ने इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 251/7 का स्कोर बनाया. इस तरह यह मैच ड्रॉ रहा.
1969: हैदराबाद टेस्ट में न्यूजीलैंड के 181 पर भारत 89 पर ऑलआउट
15 से 20 अक्टूबर 1969 के बीच भारत और न्यूजीलैंड के बीच हैदराबाद में टेस्ट मैच हुआ. भारतीय टीम की कमान मंसूर अली खान पटौदी तो न्यूजीलैंड की कमान ग्राह्रम डाउलिंग संभाल रहे थे. न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और वह 181 रनों पर सिमट गई. वहीं भारतीय टीम अपनी पहली पारी में महज 89 पर सिमट गई. इसके बाद न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी 175/8 घोषित की. भारतीय टीम को जीत के लिए 268 रनों का जीत के लिए टारगेट मिला.इसके बाद भारतीय टीम दूसरी पारी में 76/7 रन बना सकी, इस तरह यह टेस्ट मैच ड्रॉ रहा.
1965: न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की पारी 88 रनों पर सिमटी
मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में 1965 में हुए इस मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम ने पहली पारी में पहले बल्लेबाजी करते हुए 297 रन बनाए थे. इसके बाद भारतीय टीम अपनी पारी में 88 रनों पर सिमट गई. जॉन रीड की कप्तानी वाली टीम ने भारत को फॉलोऑन दिया. इसके बाद भारतीय टीम ने 463/5 रन बनाकर पारी घोषित की. भारत की ओर से दिलीप सरदेसाई ने 200 तो चंदू बोर्डे ने 109 रन बनाए. न्यूजीलैंड को भारतीय टीम ने 255 रनों का टारगेट दिया, एक समय भारत लग रहा था यह टेस्ट मैच जीत भी जाएगी. पर 80/8 रन न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में बनाकर मैच ड्रॉ करवा लिया.
यानी एक बात तो तय है कि भारत भले ही 83, 88, 89 रनों पर पहली पारी में सिमटी हो, इसके बाद भी उसने टेस्ट मैच ड्रॉ करवाया था. बेंगलुरु टेस्ट में भारतीय टीम कहीं इन तीन मुकाबलों जैसा ना कर दे.
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