सरस आजीविका मेला में लखपति दीदियों का जलवा, महिलाओं ने लगाई 150 स्टॉल, मिल रहे ये खास आइटम

<

4 1 19
Read Time5 Minute, 17 Second

देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर ‘सरस आजीविका मेले 2024' से गुलज़ार है. अगर आप देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़ी चीज़ें खरीदना चाहते हैं तो ये आपके लिए बिल्कुल सटीक जगह है. बस इसके लिए आपको प्रगति मैदान में लगे सरस आजीविका मेले का रुख करना होगा. यहां करीब 150 से अधिक स्टॉल लगीहैं. जहां कपड़े, जूती, ज्वैलरी से लेकर आपको खाने पीने का सामान भी मिलेगा. SARAS आजीविका मेले में इस बार विशेष ध्यान 'लखपति दीदी' पर दिया गया है.

ये मेला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा लगाया गया है. इस मेले का मूल उद्देश्य न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करना है, बल्कि यह ग्रामीण शिल्पकारों, कारीगरों और बुनकरों के उत्पादों को एक राष्ट्रीय मंच पर लाकर उन्हें समृद्धि की ओर बढ़ने का अवसर भी प्रदान करना है.

इस साल यहां भारत के अलग-अलग राज्यों से आए कारीगरों और शिल्पकारों के बनाए गए हस्तशिल्प, हैंडलूम उत्पाद और जैविक खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किए जा रहे हैं. यह मेला ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अहम कदम है, जो भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' की थीम पर लगा हुआ है.

SARAS MELA

इसलिए खास है ये मेला

ये मेला देशभर में महिलाओं को व्यवसाय करने के लिए प्रेरित करने में अहम भूमिका निभा रहा है. 'लखपति दीदी' योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है. मेले में असम, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल आदि राज्यों की महिलाओं ने अपने व्यापार की स्टॉल लगाई हुई है. अगर आप यहां जाएंगे तो देखेंगे देश की लखपति दीदियों यहां हाथ से बने हुए शोपीज आइटम बेच रही हैं तो कईयों ने हैंडलूम साड़ियां, ड्रेस मटेरियल्स, आभूषण, ज्वैलरी, और जैविक हस्तशिल्प उत्पादों की स्टॉल लगाई हुई है. आप इस मेले में 14 से 27 नवंबर 2024 तक 43वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) के दौरान भारत मंडपम के हॉल नंबर 9 और 10 में आ सकते हैं.

Advertisement

सरस मेले में इस बार क्या खास मिलेगा?

इस मेले में आपको असम की बांस कला और जल हायसिंथ उत्पाद, बिहार की मधुबनी चित्रकला और सिक्की शिल्प, छत्तीसगढ़ की मोमबत्तियां, साबुन, लकड़ी के नाम प्लेट, गोवा और गुजरात के लकड़ी के खिलौने, सजावटी आइटम, हरियाणा के धातु कला, मिट्टी के सामान, कर्नाटक के कृत्रिम फूल कला, आभूषण, महाराष्ट्र के फुटवियर, ओडिशा के साबई हस्तशिल्प, पीतल के सामान, बिहार के स्वर्ण घास उत्पाद चूड़ियां और पश्चिम बंगाल के जूट हैंडबैग्स की दुकानें मिलेंगी.

SARAS MELA

कर्नाटक से आईनेत्रावती से सरल मेले में साड़ियों की स्टॉल लगाई हुई है. आजतक से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'हमारा गार्मेंट्स का काम है, हम लहंगा ब्लाउज बनाते हैं. हमारे यहां कॉटन, टसल सिल्क की साड़ियां मिलती हैं. लखपति दीदी के हिसाब से साल का एक लाख रुपये सेल होनी चाहिए लेकिन हमारा उससे ज्यादा ही हो जाता है. कनार्टक का फेमस कसूता सिल्क का कपड़ा भी हम बेचते हैं'.

इतना ही नहीं हैंडलूम में आपको ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ की सिल्क साड़ी, कॉटन साड़ी, हैंडलूम कपड़ा, कॉटन सूट मिलेंगे. यहां उत्तर प्रदेश की बेडशीट की भी स्टॉल लगी हुई है. पश्चिम बंगाल की कंथा स्टिच साड़ियां और ड्रेसेस भी उपलब्ध हैं. जम्मू और कश्मीर की ऊन और पश्मीना शॉल भी मिलेगी. उत्तराखंड की ड्रेसेस, ऊनी शॉल और जैकेट्स आइटम भी हैं. राजस्थान की हस्तनिर्मित जूती और मोज़री, चमड़े के सामान का समाना भी मिलेगा. इसके अलावा प्राकृतिक खाद्य पदार्थ में छत्तीसगढ़, झारखंड के बेसन, चावल, काजू, जैविक दालें, केरल के मसाले और कॉफी, सिक्किम की चाय पत्तियां, उत्तराखंड के जैविक सब्जियां और मसाले, उत्तर प्रदेश के औषधीय जड़ी-बूटियां, चावल और शहद की स्टॉल भी होगी.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

अडानी के शेयर आज भी लाल... लेकिन ग्रीन हुआ शेयर बाजार, कल के नुकसान के बाद बंपर उछाल

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now