उत्तर प्रदेश RO/ARO भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी STF ने बड़ी कार्रवाई की है. एसटीएफ ने रिव्यू ऑफिसर (RO)/ असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर (ARO) पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा समेत 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है. एसटीएफ की विवेचना में लगाए गए सभी आरोप सही मिले हैं. इस मामले में अब जल्द ही ट्रायल शुरू होगा.
55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी
यूपी RO/ARO पेपर लीक केस में एसटीएस ने 55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी कोर्ट में पेश की है. पेपर लीक मामले में एसटीएफ अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है, और एक जमानत पर बाहर है. वहीं 35 लोगों को गवाह बनाया गया है.
भोपाल और प्रयागराज में लीक हुआ था पेपर
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वाराआरओ /एआरओ भर्ती परीक्षा 11 फरवरी 2024 को आयोजित किया गया था, जिसे पेपर लीक के चलते बाद में रद्द कर दिया गया. यूपी एसटीएफ नेपेपर लीक का खुलासा किया था कि पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ है. पहला, भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा, प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया. आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से 2 मार्च को सिविल में लाइंस थाने में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं दर्ज रिपोर्ट कराई गई थी.
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एसटीएफ की पूछताछ में हुआ नेटवर्क का खुलासा
यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों से पेपर लीक के नेटवर्क का खुलासा हुआ. यूपी की जिन दो बड़ी परीक्षाओं सिपाही भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर लीक हुए वो दोनों ही पेपर राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने ही करवाए थे. हर परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ जैसे सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ. तो वहीं RO/ARO भर्ती परीक्षा के लिए यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और स्कूल संचालक डॉक्टर शरद पटेल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ.
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