भारत में कितने मुस्लिम विश्वविद्यालय हैं? जिन्हें मिला है अल्पसंख्यक का दर्जा

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सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने का समर्थन करते हुए 57 साल पुराना फैसला पलट दिया है. 1967 में एस अजीज बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में एएमयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय बताते हुए अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से मना कर दिया गया था. ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की एक समिति गठित की गई है. कोर्ट ने 4:3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है.

कोर्ट का कहना है कि अब नई बेंच एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने के मानदंड तय करेगी. इस मामले पर सीजेआई समेत चार जजों ने एकमत से फैसला दिया है जबकि तीन जजों ने डिसेंट नोट दिया है. मामले पर सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा एकमत हैं. वहीं, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा का फैसला अलग है.

अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का यह मामला साल 1967 का है. हालांकि, भारत में कई विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें अल्पसंख्य संस्थान का दर्जा प्राप्त है. भारत में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में मुस्लिम विश्वविद्यालय हैं. आइये जानते हैं कि भारत में कितने मुस्लिम विश्वविद्यालय हैं.

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जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसे अल्पसंख्य समुदाय के लिए स्थापित किया गया था. जामिया की स्थापना वर्ष 1920 में की गई थी. इसे वर्ष 1988 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बना दिया गया और साल 2011 में इसे अल्पसंख्यक का दर्जा मिला था. इस यूनिवर्सिटी में मुस्लिम छात्रों को रिजर्वेशन दिया जाता है. यहां आरक्षण के नियम के अनुसार, सभी कोर्सेस में एडमिशन के लिए छात्रों 30 प्रतिशत मुस्लिम कोटा मिलता है. 10 प्रतिशत कोटा मुस्लिम ओबीसी और अनुसूचित जनजाति (ST) को दिया जाता है.

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय
तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित एक मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है. इसका नाम भारत के पहले शिक्षा मंत्री, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक स्वतंत्रता सेनानी और इस्लाम और उर्दू साहित्य के विद्वान मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के नाम पर रखा गया था. 2016 में आंध्र प्रदेश के कुरनूल में डॉ. अब्दुल हक उर्दू विश्वविद्यालय की स्थापना होने तक यह भारत का एकमात्र उर्दू विश्वविद्यालय था. इस यूनिवर्सिटी को भी अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है.

आलिया विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
यह विश्वविद्यालय मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 1869 में स्थापित किया गया था. यह पश्चिम बंगाल में मुस्लिम शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है. इसे अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और यह शासन के एक स्वायत्त मॉडल के तहत संचालित होता है।

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बी.एस. अब्दुर रहमान क्रेसेंट इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु
बीएस अब्दुर रहमान क्रिसेंट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भारत के तमिलनाडु में स्थित एक निजी डीम्ड यूनिवर्सिटी है. 1984 में स्थापित, क्रिसेंट भारतीय राज्य तमिलनाडु में पहले स्व-वित्तपोषित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक था. यह विश्वविद्यालय मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था.

जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है. इसे मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए स्थापित किया गया था. 1972 में फार्मेसी की सभी शाखाओं में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से हमदर्द कॉलेज ऑफ फार्मेसी की स्थापना की गई थी. वर्ष 1989 में हकीम अब्दुल हमीद का सपना पूरा हुआ जब 10 मई, 1989 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जामिया हमदर्द को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज यूनिवर्सिटी, लखनऊ
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMCLU), पूर्व में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय (KMCUAFU) एक राज्य विश्वविद्यालय है जो लखनऊ , उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1 अक्टूबर 2009 को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम के तहत की गई थी.

मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी, UP
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में एक विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी. वे यूजी/पीजी और पीएचडी स्तर पर बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करते हैं. यह विश्वविद्यालय मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था.

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मौलाना मजहरुल हक अरबी एंड पर्शियन यूनिवर्सिटी, पटना
मौलाना मज़हरुल हक़ अरबी और फ़ारसी विश्वविद्यालय, पटना की स्थापना 10 अप्रैल, 1998 को बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976, शिक्षा मंत्रालय के तहत की गई थी. विश्वविद्यालय डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है. MMHAPU पटना में पाठ्यक्रम BA, B.Com, B.Sc, BBA , BCA , BJMC, B. Ed , MA और MBA हैं. यह विश्वविद्यालय अरबी और फारसी भाषाओं और संस्कृतियों के अध्ययन के लिए समर्पित है.

उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
यह विश्वविद्यालय मुस्लिम समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन इसे अब एक धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय माना जाता है. इसकी स्थापना 1918 में हैदराबाद के निज़ाम, मीर उस्मान अली खान ने किया था. इसका मुख्य वास्तुकार नवाब सरवर जंग थे. यह भारत का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. यह पहला भारतीय विश्वविद्यालय था जिसमें शिक्षा के माध्यम के रूप में उर्दू थी- लेकिन अनिवार्य विषय के रूप में अंग्रेजी के साथ.

इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, J&K
इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी), अवंतीपोरा, जम्मू-कश्मीर की स्थापना 7 नवंबर 2005 को जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल द्वारा पारित अधिनियम संख्या XVIII 2005 के माध्यम से की गई थी और राज्य सरकार द्वारा 11-11-2005 को जम्मू-कश्मीर सरकार के राजपत्र के माध्यम से अधिसूचित किया गया था. जबकि विश्वविद्यालय ने नवंबर, 2005 में काम करना शुरू किया था, शिक्षण कार्यक्रम जुलाई 2006 में शुरू किया गया था.

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खाजा बंदनवाज यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
खाजा बंदनवाज़ यूनिवर्सिटी (KBNU) की स्थापना साल 2018 में हुई थी. यह कर्नाटक के गुलबर्गा में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है. इसका नाम सूफ़ी संत बंदे नवाज़ के नाम पर रखा गया है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना खाजा बंदनवाज़ एजुकेशनल सोसाइटी ने की थी.

मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, जोधपुर
मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय, जोधपुर की स्थापना साल 2013 में राजस्थान राज्य सरकार अधिनियम संख्या 35 के तहत हुई थी. यह विश्वविद्यालय, जोधपुर के बीचों-बीच स्थित एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है. यहां फ़ार्मेसी, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, शिक्षा, विज्ञान, वाणिज्य, कला जैसे कई विषयों में पढ़ाई होती है. इस विश्वविद्यालय में 8,000 से ज़्यादा छात्र पढ़ते हैं.

बता दें कि भारत में एक विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना, अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ाव, स्थापना का उद्देश्य, मैनेजमेंट, छात्र समुदाय और सिलेबस आदि समेत कुछ विशेष मानदंडों के आधार पर होता है. यह दर्जा संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत दिया जाता है, जो अल्पसंख्यकों को अपनी शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने और चलाने का अधिकार देता है. भारत में और भी मुस्लिम संस्थान हैं जिनके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित विश्वविद्यालयों की आधिकारिक वेबसाइट्स पर जा सकते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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