दिल्ली में छठ महापर्व को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं. इसे लेकर युद्ध स्तर पर काम हो रहा है. वहीं, दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है.दिवाली के बाद वायु प्रदूषण की स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे लोग खासतौर पर बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित हैं.इस गंभीर स्थिति के बीच, अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि क्या बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित रहेगा.
छठ पूजा के लिए एक दिन की छुट्टी
फिलहाल, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की वजह से स्कूलों में छुट्टियों की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन 7 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा. हालांकि, सरकार प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रही है.
इस स्थिति में बंद हो सकते हैं स्कूल
इस उद्देश्य से एक श्रेणीबद्ध कार्य योजना (GRAP) लागू की गई है.इसके तहत, अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से अधिक हो जाता है, तो GRAP के चरण 4 के प्रावधान लागू होंगे.इस स्थिति में, शहर में ऑड-ईवन वाहन पंजीकरण प्रणाली लागू की जाएगी और आवश्यक होने पर स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद किए जा सकते हैं.
पिछले साल भी, गंभीर वायु प्रदूषण के चलते सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने की घोषणा की थी.वहीं, बड़े बच्चों की कक्षाओं को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से जारी रखने का सुझाव दिया गया था.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी, जिला विद्यालय निरीक्षक ने निर्देश जारी किए थे कि कक्षा 8 तक के सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करें.इसके अलावा, कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए भी ऑनलाइन शिक्षा को अधिकतम रूप से अपनाने का सुझाव दिया गया था.
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