शिक्षा 12वीं पास पर शातिर इतना कि दूर बैठकर कई ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं में सेंध लगा दी. यूपी एसटीएफ ने बागपत के बड़ौत से ऑनलाइन एग्जाम में रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन के जरिए नकल कराने परीक्षा पास कराने वाले आरोपी राम चौहान को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया. पुलिस का दावा है कि राम चौहान उत्तर प्रदेश की कई ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिए सेंधमारी कर चुका है.
लंबे समय से एसटीएफ को थी तलाश
राम चौहान उर्फ राम अवतार पुत्र रूपचंद हरियाणा के पलवल स्थित थाना हसनपुर के गांव भिडूकी का रहने वाला है. बीती सात फरवरी को एसटीएफ ने थाना कोतवाली बड़ौत जनपद बागपत में कम्प्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रश्न-पत्र हल करने वाले सरगना रचित चौधरी सहित 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. पकड़ा गया राम चौहान इसी गैंग का सक्रिय शातिर सदस्य है जिसे एसटीएफ ने अब गिरफ्तार किया है.
12वीं पास करने के बाद किया हैकिंग का कोर्स
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार राम चौहान 12वीं पास है और इसने वर्ष 2015-16 में आरएस कम्प्यूटर्स पलवल हरियाणा से हैंकिंग का 06 माह का कोर्स किया था. हैकिंग सीखकर साल 2021 में इसने CTET परीक्षा में हैंकिंग की थी, जिसमें वह नोएडा थाना सैक्टर-58 जनपद गौतमबुद्ध नगर में पकड़ा गया था और जेल भी गया था.
इसी साल (2024 में) राम चौहान कीमुलाकात गढ़ी रामकोर जनपद शामली के रहने वाले नितिन से हुई थी, जिसने उसकी मुलाकात गाजियाबाद के दुहाई इलाके में कम्प्यूटर लैब चलाने वाले रचित चौधरी से कराई थी. गैंग सरगना रचित चौधरी को STF ने सात फरवरी को गिरफ्तार किया था. कंप्यूटर ऑपरेटर की Online भर्ती परीक्षा में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रश्न-पत्र हल कराने के लिए सुनियोजित तरीके से अभ्यर्थियों से अनुचित धन लाभ कमाने के उददेश्य से एक कम्प्यूटर लैब करीब 250 कम्प्यूटर सिस्टम के साथ स्थापित कराई गई थी.
मास्टर सिस्टम के जरिए ऑनलाइन एग्जाम में करता था सेंधमारी
गिरफ्तार राम चौहान कम्प्यूटर हैकिंग एक्सपर्ट है, जिसने रचित चौधरी के कहने पर गाजियाबाद दुहाई मे स्थित विधान पब्लिक स्कूल में एक कम्प्यूटर लैब में आकर28-01-2024 को एक सिस्टम पर कुछ साफ्टवेयर ANYDESK, NODE.JS, PYTHON LAUNCHER) इंस्टॉल कर इससिस्टम को मास्टर सिस्टम बना दिया, ताकि जब जरूरत हो तब लैब मे मौजूद अन्य सिस्टमों को इस मास्टर सिस्टम के जरिये LAN (Local Area Network) के माध्यम से कनेक्ट करके उनका रिमोट एक्सेस ले सके. इस मास्टर सिस्टम को लैब में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से अलग रखा गया. ताकि किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के समय उक्त सिस्टम आवंटित न हो.
गिरफ्तार अभियुक्त एवं इसके सहयोगीद्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले ही लैब में मौजूद अपने साथियोंके माध्यम से कहीं दूर बैठाकर मास्टर सिस्टम रिमोट एक्सेस ले लेता था. जिन-जिन अभ्यर्थियों से पैसे की डीलहोती थी, उनका पेपर मास्टर सिस्टम के जरिये सभी सिस्टम आपस में लैन के माध्यम से कनेक्ट कर दिए जाते थे. अपने अन्य साथी जो पेपर हल करने में एक्सपर्ट थे, उनके सिस्टम पर भेज देता था, जिससे केन्द्र पर मौजूद अभ्यर्थी के सिस्टम का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता था और ये प्रश्न-पत्र अपने सिस्टम से हल करते थे. अभ्यर्थी केवल बैठकर माउस हिलाता रहता था.
इस गैंग का सरगना प्रत्येक अभ्यर्थी से पेपर सॉल्व करने के लिए 4 से 5 लाख रुपये लेता था.राम चौहन उर्फ राम अवतार को एक अभ्यर्थी की स्क्रीन शेयर करने की ऐवज में 50 हजार रुपये दिए जाते थे.
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