बिहार के छोटे से गांव के लड़के को Google ने दिया 2 करोड़ का पैकेज, विदेश में गाड़ेगा झंडे!

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दुष्यंत कुमार की पंक्ति “कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो,” को बिहार के जमुई जिले के झाझा निवासी अभिषेक कुमार ने सच साबित कर दिया है.विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, अभिषेक कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और आज उसने ऐसा कर दिखाया है जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है.

यह परिवार झाझा निवासी इंद्रदेव यादव का है, जो जमुई के व्यवहार न्यायालय में वकालत करते हैं.उनके होनहार बेटे अभिषेक कुमार अब लंदन जाकर गूगल में नौकरी करेंगे.गूगल ने उन्हें 2.07 करोड़ सालाना के पैकेज पर बुलावा भेजा है.इससे पहले, अभिषेक ने अमेजन में भी नौकरी की है.

यहां से की है अभिषेक ने पढ़ाई

एनआईटी पटना से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिषेक कुमार को 2022 में बर्लिन से अमेजन कंपनी से एक करोड़ 8 लाखऑफर मिला था. अब अभिषेक लंदन में गूगल के साथ काम करेंगे. पांच फेज के इंटरव्यू के बाद गूगल ने अभिषेक को यह ऑफर दिया है. पढ़ाई के दौरान ही अभिषेक की लालसा थी कि वह गूगल में नौकरी करें. अब गूगल ने उन्हें दो करोड़ 7 लाख के पैकेज पर हायर किया है.

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बिहार से पूरी की है पढ़ाई

2.07 करोड़ के पैकेज पर गूगल में नौकरी मिलने से अभिषेक और उनका परिवार काफी खुश है. अभिषेक की मां मंजू देवी गृहिणी हैं जबकि पिता जमुई व्यवहार न्यायालय में वकालत करते हैं. साधारण परिवार से आने वाले अभिषेक कीकामयाबी की चर्चा हर तरफ हो रही है. अभिषेक ने झाझा हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. पटना से इंटर और फिर पटना एनआटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की थी.

अमेजन में भी कर चुके हैं काम

2022 में अभिषेक की नौकरी अमेजन कंपनी में लगी थी. बर्लिन में अमेजन के साथ काम करने के बाद वह जर्मनी की एक कंपनी में बर्लिन में ही काम करने लगे. सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी के दौरान ही अपनी मेहनत और लगन के बल पर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहे फिर जब गूगल में मौका मिला, तो पांच फेज के इंटरव्यू में सफलता पाते हुए 2 करोड़ 7 लाख पैकेज का ऑफर मिल गया. अभिषेक अब गूगल के लंदन ऑफिस में काम करने के लिए इंडिया से उड़ान भरेंगे.

अभषेक ने बताया कैसे मिली कामयाबी

अभिषेक का कहना है कि लगन और मेहनत के बल पर इस तरह की कामयाबी पाई जा सकती है. वह इसी क्षेत्र में और आगे बढ़ना चाहते हैं. इसी फील्ड में रहकर समाज के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं. हर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का सपना होता है कि गूगल के साथ काम करें, यहां और भी अच्छा करने के लिए बेहतर माहौल मिलता है. अभिषेक ने इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है.

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सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं बड़े भाई

अभिषेक केबड़ाे भाई दिल्ली में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटा है. बेटे की सफलता पर मंजू देवी ने बताया कि आज उन्हें अपने अभिषेक पर गर्व है. पिता इंद्रदेव यादव ने कहा कि मैंने हमेशा अपने बेटे को मेहनत और लगन के भरोसे आगे बढ़ाने के लिए कहा है, उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका बेटा अब गूगल कंपनी में लंदन में नौकरी करेगा.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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