उत्तर प्रदेश में 27 हजार से ज्यादा स्कूल बंद होने की खबरों पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है.हाल ही में 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने की खबरें सामने आई थी, जिस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कड़ीप्रतिक्रिया दीथी.
उन्होंने इस निर्णय को गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ बताया.प्रियंका गांधी नेअपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व मेंट्विटर) पर पोस्ट किया,'यूपीए सरकार के शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हर एक किलोमीटर की परिधि में एक प्राइमरी स्कूल की व्यवस्था की गई थी, ताकि सभी बच्चों को शिक्षा सुलभ हो सके.उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा किकल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं बल्कि जनता का कल्याण करना है.भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो'.
यूपी सरकार ने बताई सच्चाई
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि 27,000 से अधिक स्कूलों को बंद करने की खबरें पूरी तरह से भ्रामक और निराधार हैं.राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्कूल को बंद करने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है.शिक्षा विभाग का कहना है कि वे विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, और छात्रों, विशेष रूप से बालिकाओं, की ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.
सरकार ने अपनी प्रमुख योजनाओं, जैसे कायाकल्प, निपुण, और प्रेरणा, के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय सुधारों का भी हवाला दिया.विभाग ने दोहराया कि प्रदेश के छात्रों का हित सर्वोपरि है और सभी नीतियों का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना है, न कि उसे बाधित करना.
स्कूल बंद करने के दावे झूठे
बेसिक शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने आजतक/इंडिया टुडे टीवी से विस्तार से बात करते हुए 27,000 बेसिक स्कूलों को बंद करने की अफवाहों को खारिज किया.कंचन वर्मा ने अफवाहों को निराधार बताया है. उन्होंने आगे कहा कि इसके बजाय इन स्कूलों को बेहतर बनाने के प्रयास चल रहे हैं.स्कूल बंद करने के दावे झूठे हैं, किसी भी बैठक में ऐसी किसी योजना पर चर्चा नहीं हुई.
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