NEET UG- कोर्ट पहुंचा 720 में से 106 अंक पाने वाला छात्र, NTA के खिलाफ वाली याचिका पर सुनवाई जल्द

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NEET UG 2024: नीट यूजी 2024 रिजल्ट जारी करने को लेकर एक छात्र ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. छात्र ने 5 मई को खेड़ा जिले में स्थित जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के एग्जाम सेंटर पर मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी नीट यूजी की परीक्षा दी थी. छात्र ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट जारी करने का आदेश दे ताकि वह आगे एडमिशन ले सके.

नीट यूजी में 720 में से 106 नंबर

दरअसल, जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के पदाधिकारियों और ट्रस्टी पर 5 मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) देशव्यापी घोटाले की जांच कर रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता छात्र ने एनटीए की वेबसाइट पर दर्ज नीट परीक्षा में 720 में से 106 अंक प्राप्त किए, लेकिन उसका परिणाम रोक दिया गया.

मेडिकल कॉलेज में फीस जमा कर चुका है छात्र

छात्र ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट (NEET UG Result) जारी करने का निर्देश दे, ताकि वह राजस्थान के एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय में एडमिशन पा सके, जहां उसने पहले ही 2.50 लाख रुपये की फीस जमा करा दीहै. एडमिशन के लिए उसे अपना नीट रिजल्ट प्रस्तुत करना होगा, जिसे रोक दिया गया है.

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छात्र से पूछताछ कर चुकी है सीबीआई

छात्र ने हाई कोर्ट को दलील दी कि उसे स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सीबीआई ने भी पूछताछ के लिए बुलाया था. एनटीए ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि नीट परीक्षा में कथित तौर पर अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.

छात्र ने जवाब में CBI को दी थी ये जानकारी

जवाब में, छात्र ने कहा कि उसका परीक्षा केंद्र खेड़ा जिले के थर्मल में जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल था, न कि गोधरा में, जहां कथित तौर पर अनियमितताएं हुई थीं. उसने यह भी कहा कि उसने “परीक्षा में केवल 88 प्रश्न हल किए और 720 अंकों में से 106 अंक प्राप्त किए, जिससे पता चलता है कि याचिकाकर्ता को परीक्षा में औसत अंक मिले और परिणाम याचिकाकर्ता की योग्यता के अनुसार अप्रत्याशित नहीं था.”

सिंगल बेंच खारिज की थी याचिता

सिंगल जज बेंच ने 29 अगस्त को छात्र की याचिका खारिज कर दी और अपने आदेश में कहा, “अगर याचिकाकर्ता का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया जाता है और बाद में याचिकाकर्ता को कदाचार का दोषी पाया जाता है, तो इसका परिणाम यह होगा कि याचिकाकर्ता का नीट परिणाम रद्द किया जा सकता है.” छात्र ने अब सिंगल जज बेंच के आदेश के खिलाफ अपील की है. डिवीजन बेंच अगले सप्ताह छात्र की याचिका पर सुनवाई करेगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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