IIT कानपुर ने एक ऐसी एडवांस्ड डिवाइज तैयार किया है जो मुंह के कैंसर का मिनटों में पता लगा सकता है. साथ ही कैंसर की स्टेज की सटीक डिटेल्स बता सकता है. यह सफलता भारत में कैंसर का पता लगाने के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है और संभावित रूप से कैंसर के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.
कैसे होगा मुंह के कैंसर का टेस्ट?
आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित माउथ टेस्टर डिवाइस से मुंह के कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही पता लगाने में मदद मिलेगी. इस डिवाइस से मुंह के कैंसर का आसानी से पता चल जाएगा. यह डिवाइस मुंह के अंदर की तस्वीर लेगा और फिर उसका विश्लेषण कर 1 मिनट में अपनी रिपोर्ट देगा. यह डिवाइस कैंसर की स्टेज भी बताएगा. इस डिवाइस को Scan Genie Company ने केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जयंत कुमार सिंह की मदद से तैयार किया है. यह डिवाइस मुंह में कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही आसानी से पता लगा लेगा. दिसंबर तक इसे बाजार में उतारने की पूरी योजना तैयार कर ली गई है.
डिवाइस को तैयार करने में लगे 6 साल
केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर साइंटिस्ट प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम को इस डिवाइस को बनाने में 6 साल लगे हैं. उन्होंने बताया कि यह डिवाइस पोर्टेबल है. इसे आप छोटे बैग में रखकर कहीं भी ले जा सकते हैं.
3000 लोगों पर हुआ टेस्ट
आईआईटी कानपुर ने मुंह के कैंसर की जांच के लिए शहर में कई जगहों पर कैंप लगाए. इसमें करीब 3000 लोगों पर परीक्षण किया गया. टेस्ट के दौरान 22 साल तक की उम्र के लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है. शिविर में फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर, प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी व अन्य लोग मौजूद थे. उन्होंने कहा कि अगर मुंह के कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए तो इसे काफी हद तक रोका जा सकता है.
स्मार्ट फोन से कनेक्ट है डिवाइस
प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि यह डिवाइस टूथब्रश के आकार का है. इसमें हाई क्वालिटी का कैमरा और एलईडी लगी है. इसे हम अपने स्मार्टफोन, टैबलेट या आईपैड से कनेक्ट कर सकते हैं. मुंह के अंदर की फोटो लेने के बाद कैमरा आपके मोबाइल पर सारी रिपोर्ट दे देगा. डिवाइस पावर बैकअप के साथ ट्रैकिंग के लिए हेल्थ हिस्ट्री कलेक्ट करती है. यह डिवाइस 90 फीसदी सटीकता के साथ जांच करता है और इसके इस्तेमाल किसी तरह का दर्द नहीं होता.
डिवाइस की कीमत
प्रो. जयंत ने बताया कि इस डिवाइस की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपये के बीच होगी. हालांकि, इसे अभी बाजार में उतारा नहीं गया है. इसमें इस्तेमाल होने वाले गैजेट दूसरे देश से खरीदने पड़ते हैं. इसलिए कीमत थोड़ी ज्यादा है. इस एक डिवाइस से पांच लाख मरीजों की जांच की जा सकती है और हम एक दिन में करीब 300 मरीजों की जांच कर सकते हैं.
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