बाबा सिद्दीकी मर्डर केस- पंजाब से लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा गिरफ्तार, भारत-पाक सीमा पर था मौजूद

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मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पंजाब के फाजिल्का के पक्का चिश्ती गांव के निवासी आकाशदीप करजसिंह गिल (22) को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि आकाश गिल कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है. उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम देने वाले आरोपियों को रसद सहायता प्रदान कर रहा था. उसको आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया जा रहा है.

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका खुलासा किया है. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, ''पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ​​ने महाराष्ट्र पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या के सिलसिले में फाजिल्का निवासी आकाश गिल को गिरफ्तार किया है. आरोपी को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है. यह सार्वजनिक सुरक्षा और न्याय के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है.''

जानकारी के मुताबिक, आकाश गिल को पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा से गिरफ्तार किया गया है. हो सकता है कि वो सीमा पार करके पाकिस्तान जाने की फिराक में था. इस मामले में मुंबई पुलिस ने ये 24वीं गिफ्तारी की है. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 109, 125, और 3(5), आर्म्स एक्ट और एमपीए एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. यूपी, महाराष्ट्र और पंजाब से कई गिरफ्तारी हो चुकी है.

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बताते चलें कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में मेन शूटर शिवकुमार सहित पांच आरोपियों को यूपी के बाराबंकी के नानपारा से गिरफ्तार किया गया था. उनको मुंबई पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लाई थी. पांच आरोपी 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में हैं. इन आरोपियों में शिवकुमार के अलावा अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह का नाम शामिल है. इन चारों आरोपियों ने शूटर शिवकुमार को शरण दिया था.

शूटर शिवकुमार गौतम बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव का निवासी है. वो कुछ साल पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र गया था. इस साल अप्रैल में उसने आरोपी धर्मराज कश्यप को काम करने के लिए बुलाया था. पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी शिवकुमार ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था. शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी.

शुभम लंबे समय से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम कर रहा है. शुभम ने स्नैप चैट के जरिए उसके भाई अनमोल बिश्नोई से बात कराई थी. उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में 10 लाख के साथ हर महीने कुछ रुपए देने का वादा किया था. बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए हथियार, मोबाइल फोन और सिम शुभम लोनकर और मो. यासीन अख्तर ने दिया था. वारदात के बाद बातचीत के लिए तीन शूटरों को नए सिम और मोबाइल दिए गए थे.

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उन तीनों ने कई दिनों तक मुंबई में बाबा की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात उनकी हत्या कर दी. त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़ थी, जिसके कारण दो शूटर पकड़ लिए गए. लेकिन शिवकुमार वहां से फरार हो गया. उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया और पुणे चला गया. वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंच गया था. रास्ते में वो लोगों के फोन मांगकर अपने साथियों और हैंडलर से बात करता रहा था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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