उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में मंगलवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस तरह इस मामले में अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 91 लोगों की पहचान की गई है. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने बताया कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शोएब, सुजाउद्दीन, राहत, मोहम्मद आजम, अजहरुद्दीन, जावेद और मुस्तफा के रूप में हुई है. इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
इसके लिए कई टीमें गठित की गई हैं. इस हिंसा के सिलसिले में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. संभल में 19 नवंबर से तनाव बना हुआ है. स्थानीय शाही जामा मस्जिद में एक याचिका पर अदालत के आदेश के बाद सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि वहां हरिहर मंदिर था.
24 नवंबर को हिंसा तब भड़की जब मस्जिद का फिर से सर्वेक्षण किया जा रहा था. पक्का बाग हिंदू पुरा खेड़ा में पथराव हुआ. पुलिस की मोटरसाइकिल जला दी गईं. पुलिस की पिस्तौल की मैगजीन और कारतूस लूट लिए गए, जिसके बाद नखासा थाने में मामला दर्ज किया गया.
इस हिंसा का मुख्य आरोपी सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को बनाया गया है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसे रद्द कराने के लिए वो इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. उनकी याचिका पर 2 जनवरी को सुनवाई होगी, जिसमें एफआईआर रद्द करने की मांग की है.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में गिरफ्तारी से रोक लगाने की मांग भी की है. सूत्रों के अनुसार संभल पुलिस उनकी अर्जी का विरोध करने वाली है. पुलिस उनके खिलाफ सबूत कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस का आरोप है कि सपा सांसद के भड़काऊ भाषण की वजह से ही हिंसा हुई थी.
उधर, जिया उर रहमान बर्क ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में अपने सांसद होने का हवाला दिया है. इसके साथ ही कहा है कि वो पढ़े-लिखे इंसान हैं. उन्होंने हिंसा से जुड़े कई तर्क भी दिए हैं. उनका कहना है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर देना चाहिए.
सपा सांसद का कहना है कि संभल में जब हिंसा हुई तब वो यूपी में ही नहीं थे. वो उस समय बेंगलुरु में थे. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई. संभल में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.
बताते चलें कि समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क पर बिजली चोरी का भी आरोप लगा है. बिजली विभाग ने उन पर 1 करोड़ 91 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. बीते दिनों बिजली विभाग की टीम उनके घर पर पहुंची थी.
इसके बाद बिजली मीटर की जांच की गई, जिसमें विसंगतियां मिलने पर नए स्मार्ट मीटर लगाए गए थे. सांसद के घर में लगे दो बिजली के मीटरों में टेम्परिंग के सबूत मिले. उनके घर में बिजली बिल में रीडिंग जीरो है. बिजली विभाग ने उनके खिलाफ बिजली चोरी का केस दर्ज कराया.
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