कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया है. मंगलवार को सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सीबीआई पर जांच में अनावश्यक देरी करने और अपराधियों को बचाने के लिए कोलकाता पुलिस के साथ मिलीभगत करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है.
विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय के गेट पर प्रतीकात्मक रूप से ताला लगा दिया. इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी से जांच में तेजी लाने की मांग की है. इस दौरान डॉक्टरों और मौजूद पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हुई. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सीबीआई जैसे जांच कर रही है, उससे हम उम्मीद खो रहे हैं.
एक अन्य डॉक्टर ने कहा, "इतने दिनों के बाद भी हमारी बहन अभया को न्याय नहीं मिला है. सीबीआई के जासूस अपराधियों को बचाने के लिए कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हमें सीबीआई नहीं चाहिए." इस बीच, अभय मंच और डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रतिनिधियों ने मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए डोरीना क्रॉसिंग पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को डॉक्टरों को प्रदर्शन करने की अनुमति देने वाले 20 दिसंबर के आदेश को बरकरार रखा. राज्य ने न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने डॉक्टरों के संयुक्त मंच को 20-26 दिसंबर तक मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में डोरीना क्रॉसिंग से 50 फीट दूर धरना देने की अनुमति दी थी. इसके बाद से वहां विरोध प्रदर्शन जारी है.
बताते चलें कि कोलकाता कांड में गिरफ्तार किए गए आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंचार्ज अभिजीत मंडल को पिछले दिनों जमानत मिल गई थी. इसके बाद से जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा भड़ उठा है. इस मामले में सीबीआई जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर डॉक्टरों ने लगातार अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
लोगों का आरोप है कि सीबीआई इस मामले में न्याय देने में विफल रही है. जूनियर डॉक्टर्स फोरम ने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी साजिशकर्ताओं के खिलाफ सीबीआई द्वारा आरोप तय करने में देरी के विरोध में मार्च का आयोजन किया था. इस रैली में मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने भी हिस्सा लिया था.
मृतक डॉक्टर की मां ने कहा था, "हम न्याय के लिए लड़ेंगे और यह हमारा अधिकार है." प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर लिखा था, "यदि व्यवस्था विफल हो गई है, तो हम न्याय देने के लिए इसे क्रियाशील बनाएंगे". एक अलग रैली में एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) कार्यकर्ताओं ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला था. सीपीआई (एम) की छात्र शाखा ने भी रैली निकाली थी.
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