महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी तालुका में एक व्यापारी को पुलिस बनकर अगवा करने और उससे 40 हजार रुपए की जबरन वसूली करने का मामला सामने आए है. पीड़ित व्यापारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने एक महिला समेत चार लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत केस दर्ज किया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार सुबह को हुई है. 20 वर्षीय व्यापारी ने अपनी शिकायत में कहा कि जब वह अपनी कार से जा रहा था, तो आरोपियों ने एक टेंपो में बैठकर उसका वाहन रोक लिया. उन्होंने उससे कहा कि वे पुलिसकर्मी हैं. उन्हें पता है कि वह गोमांस के कारोबार में शामिल है.
नारपोली पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक भरत कामत ने बताया कि आरोपियों ने व्यापारी को कार से बाहर निकाला. उसे अपने टेंपो में बैठने के लिए मजबूर किया. इसके बाद उसकी जमकर पिटाई करते हुए उससे एक लाख रुपए मांगे. पैसों का भुगतान न करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी.
इसके बाद उन्होंने उसे ऑनलाइन 40 हजार रुपए का भुगतान करने के लिए मजबूर किया. आरोपियों के खिलाफ गलत तरीके से रोकने, फिरौती के लिए अपहरण करने, लोक सेवक होने का ढोंग रचने और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के साझा इरादे के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपों की जांच की जा रही है.
बताते चलें कि इसी साल मार्च में ठाणे जिले में एक दर्जी को 23 लाख की फिरौती के लिए 9 साल के बच्चे का अपहरण करने और उसकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोपी फिरौती की रकम से घर बनवाना चाहता था. आरोपी की पहचान सलमान के रूप में की गई थी.
बदलापुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गोविंद पाटिल ने बताया था कि इस बर्बर अपराध में सलमान के साथ उसके भाई सफुआन मौलवी को भी अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया. बच्चे की पहचान इबादत के रूप में की गई थी. वो गोरेगांव की एक मस्जिद से नमाज पढ़कर लौटते वक्त लापता हो गया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपहरणकर्ता ने बच्चे के परिवार को फोन किया. उसे रिहा करने के लिए 23 लाख रुपए की मांग की थी. उसने परिवारवालों से कहा कि उसे घर बनाने के लिए पैसे चाहिए और अचानक फोन काट दिया था.' बोरे में मिला बच्चे का शव मिलने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ अभियान चलाया था.
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