महाराष्ट्र काडर की विवादित आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उनको आज पुणे की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए जेल भेज दिया. इससे पहले बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आईपीसी की धारा 307 के तहत मनोरमा को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है. इसलिए उनको जमानत दे देनी चाहिए.
बचाव पक्ष के वकील का तर्क था कि मनोरमा ने पिस्तौल हाथ में लिया था. उन्होंने किसी पर फायरिंग नहीं की थी. इसके बाद सरकारी वकील ने कहा कि बचाव पक्ष की दलीलों में अंतरिम जमानत का कोई जिक्र नहीं है. इस मामले की जांच अभी चल रही है. ऐसे में आरोपी को पुलिस हिरासत में रखना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मनोरमा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले वो दो दिन पुलिस हिरासत में थी.
पुणे पुलिस ने किसानों को धमकाने के मामले में आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा और पिता दिलीप सहित चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 144 (घातक हथियार से लैस होकर अवैध रूप से एकत्र होना), 147 (दंगा) और 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मनोरमा हाथ पिस्तौल लहराते हुए दिख रही हैं.
यह वीडिया साल 2023 का बताया जा रहा है. पुणे की मुल्शी तहसील के धडवाली गांव में भूमि विवाद को लेकर मनोरमा किसानों को धमकाती दिख रही है. अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल और गाड़ी बरामद कर ली है. सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा था कि मनोरमा ने वीडियो में देखे गए दो पुरुष आरोपियों के नाम बता दिए हैं, लेकिन अन्य दो अज्ञात महिलाओं के बारे में चुप हैं.
मनोरमा को रायगढ़ के महाड के एक होटल से पकड़ा गया था. वहां वो नकली पहचान के साथ रह रही थी. वो इस होटल में एक शख्स के साथ ठहरी थीं, जिसे उन्होंने अपना बेटा बताया था. लेकिन वो कैब ड्राइवर था. इस होटल के मालिक ने बताया था कि मनोरमा ने होटल में चेक इन के समय अपना नाम इंदुबाई बताया था. बीते गुरुवार तड़के 3.30 बजे पुलिस की एक टीम होटल पहुंची और सुबह लगभग 6.30 बजे वहां से चली गई.
इस दौरान मनोरमा को भी अपने साथ ले गई. बताया गया है कि आईएएस पूजा के पिता दिलीप रावने नौकरशाह रहते हुए अथाह संपत्ति बनाई थी. उन्होंने 25 एकड़ की एक जमीन पुणे के मुल्शी तहसील में भी ली थी. उसी पर कब्जे के दौरान खेडकर परिवार ने किसानों की जमीन भी हड़पने की कोशिश की थी. किसानों ने जब उनका विरोध किया तो मनोरमा खेडकर बाउंसर्स के साथ मौके पर पहुंच गई. खुद पिस्तौल लहराते हुए धौंस दिखाने लगी.
इसके साथ ही 11 जुलाई को उनका गुस्सा पुलिस और मीडियाकर्मियों पर भी फूटा था. इस घटना के बाद से वो गायब हो गई थी. उसी बीच उनसे जुड़े विवाद का दूसरा वीडियो भी सामने आया, जो कि साल 2022 का है. इसमें वो मेट्रो अधिकारियों और पुलिस से बहस करती नजर आई थी. उधर उनके पति दिलीप खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत की शरण में हैं. उनको अंदाजा हो चुका है कि देर सवेर उनका भी नंबर आएगा.
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