केरल के कोझिकोड में एक अदालत ने 43 वर्षीय महिला को नाबालिग सौतेली बेटी का बलात्कार कराने के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा सुनाई है. साल 2021 में पीड़िता के साथ उसके घर के अलावा कई जगहों पर रेप किया गया. 44 वर्षीय आरोपी को भी अदालत में 40 साल की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही पीड़िता के पिता को मामले दबाने के जुर्म में छह महीने की सजा दी गई है.
नादापुरम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) ने सातवीं कक्षा की छात्रा के साथ बार-बार बलात्कार करने वाले शख्स को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया. लोक अभियोजक मनोज अरूर ने कहा कि एफटीएससी न्यायाधीश सुहैब एम ने मुख्य आरोपी अनिल को अलग-अलग अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई है. इस तरह उसे कुल 40 साल की सजा की जेल की सजा हुई है.
लोक अभियोजक मनोज अरूर ने कहा कि सभी दोषियों को सजाएं एक साथ काटनी होंगी. आरोपी को अधिकतम 20 साल की जेल की सजा दी गई है, इसलिए वो इतनी ही समयावधि के लिए जेल में रहेगा. पीड़िता की सतौली मां पहले से ही 20 साल की जेल की सजा काट रही है. सतौली मां को पिछले साल सितंबर में नादापुरम विशेष अदालत ने कुल 75 साल कैद की सजा सुनाई थी.
अभियोजक ने कहा कि इस मामले में पीड़िता के पिता को भी अपनी बेटी के साथ हुई वारदात की रिपोर्ट दर्द नहीं कराने के अपराध में छह महीने की सजा सुनाई गई है. ये दोनों पीड़िता के यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. मुख्य आरोपी ने पीड़ित लड़की के साथ उसके घर और अपने घर पर बार-बार बलात्कार किया था, जो उनके परिजनों की जानकारी में था.
पीड़िता ने अपने साथ हो रही हैवानियत के बारे में अपने माता-पिता को कई बार बताया, लेकिन उनके द्वारा चुप रहने की बात कहने के बाद उसने खुद पुलिस को सूचना दे दी. इसके बाद उसे एक पुनर्वास केंद्र में ले जाया गया, जहां उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया. इसके बाद पुलिस ने पिता, सौतेली मां और मुख्य आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया.
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