दिल्ली से सटे नोएडा में एक नाबालिग लड़की को घर में बंधक बनाकर उससे घरेलू काम कराने और प्रताड़ित करने की घटना सामने आई है. आरोपी दंपत्ति लड़की के साथ मारपीट भी किया करता था. एक एनजीओ के जरिए दो साल बात पीड़ित लड़की को रिहा कराया गया है. इस मामले में आरोपी दंपत्ति के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
पीड़ित बच्ची को रिहा कराने वाले चाइल्ड हेल्पलाइन सुपरवाइजर युवराज कुमार ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 137 में लॉजिक्स ब्लॉसम काउंटी सोसायटी में शाहजहां और उसकी पत्नी रुखसाना रहती हैं. उनके दो बच्चे भी हैं. उन्होंने घर के काम के लिए एक लड़की को झारखंड से बुलाया था. लड़की की उम्र महज 11 साल है. वो घर के काम के साथ बच्चों की देखभाल भी करती थी.
आरोपी दंपत्ति कंपनी में काम करते हैं. वो लड़की के परिवार को काम के एवज में 5 हजार रुपए की सैलरी देते थे. लेकिन लड़की पर अक्सर अत्याचार करते थे. इतना ही नहीं बात-बात पर उसकी पिटाई किया करते थे. बीते दिन किसी बात पर उन्होंने लड़की की पिटाई कर दी, जिसके बाद पड़ोसियों ने उसे सोसायटी में गुमसुम हालत में घूमते हुए पाया. उन्होंने पुलिस को सूचित किया.
इसके बाद नोएडा सेक्टर 142 थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर चंचल ने आरोपी दंपत्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसके साथ ही झारखंड के बोकारो से लड़की को जबरन दिल्ली भेजने के आरोप में पीड़िता की मां, मामा और मौसी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. लड़की के माता-पिता से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि वे बहुत गरीब हैं. वो बोकारो में रहते हैं.
मेडिकल जांच के बाद लड़की को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया. उसने बाद में पुलिस को बताया कि दंपति नाबालिग लड़की को पीटते थे और उससे घर के काम करवाते थे. पुलिस ने बताया कि उसे ग्रेटर नोएडा के गामा-प्रथम में 'जग शांति उद्यान केयर' में भेज दिया गया है. भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चे को काम पर रखना एक दंडनीय अपराध है.
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