दिल्ली की एक अदालत ने 14 वर्षीय लड़की को नशीला पदार्थ देकर बलात्कार करने और गर्भवती करने के मामले में एक व्यक्ति को 27 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने पीड़िता को 15 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. ये वारदात साल 2020 में हुई थी. अदालत का मानना है कि इस सदमे से पीड़िता के लिए उबरना मुश्किल रहा होगा. उसके लिए मौद्रिक मुआवजा उसका मौलिक अधिकार है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीति परेवा ने 23 वर्षीय अपराधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया. अतिरिक्त लोक अभियोजक विनीत दहिया ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि वो पीड़िता का रिश्तेदार था, इसके बावजूद उसने जघन्य कृत्य किया है.
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही ने निर्णायक रूप से साबित कर दिया है कि उस व्यक्ति ने पीड़िता के भोजन और पानी में नशे की दवा मिलाकर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. दोषी के कुकृत्य से पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हुआ था. इससे उबरकर सामान्य जीवन जीना उसके लिए बहुत मुश्किल रहा होगा. ऐसे में अपराधी इस मामले में अधिकतम सजा का सजा है.
बताते चलें कि महाराष्ट्र के ठाणे में भी एक विशेष अदालत ने एक गैस सिलेंडर डिलीवरी बॉय को सात वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. आरोपी ने साल 2019 में इस वारदात को अंजाम दिया था. न्यायाधीश डीएस देशमुख ने आदेश में अपराधी नूर मोहम्मद हुसैन खान को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है.
अदालत ने कहा कि पीड़ित लड़की को जुर्माने की रकम दी जाएगी. इतना ही पीड़िता संबंधित कानूनी प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त मुआवजे की भी हकदार है. विशेष लोक अभियोजक संध्या म्हात्रे ने कहा कि नूर खान ने 23 मई, 2019 को पड़ोसी की बेटी के साथ बलात्कार किया. उसने पहले भी पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया था. पीड़िता ने अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई, तो उसे लेकर थाने पहुंचे. आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया.
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